नवम्बर 2023, अंक 44 में प्रकाशित

‘जल नस्लभेद’ : इजराइल कैसे गाजा पट्टी में पानी को हथियार बनाता है

–– नैंसी मुर्रे

गाजा पट्टी में इजरायल की जल नीतियों को कोई कैसे समझा सकता है–– पृथ्वी पर सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक–– जहाँ इजरायल ने 2005 में अपनी 21 बस्तियों को खाली कर दिया था? और तब से, गाजा वासियों को भूमि पर लगातार कब्जे के रूप में इजरायल के सैन्य कब्जे का अनुभव नहीं हुआ है। इसके बजाय, उन्हें अपने स्वास्थ्य और जीवन के लिए एक अस्तित्वगत खतरे का सामना करना पड़ा है जिसे इजरायली इतिहासकार इलान पप्पे ने कई अन्य लोगों के साथ “बढ़ता हुआ नरसंहार” कहा है।

 इजराइल की लगभग 16 साल लम्बी नाकाबन्दी और पाँच प्रमुख सैन्य हमलों के कारण गाजा के लिए स्वच्छ जल आपूर्ति गम्भीर रूप से सीमित रही है जिसकी तेजी से बढ़ती आबादी में आधे बच्चे हैं। इस पर सवाल उठता है कि क्या गाजा पट्टी एक “रहने योग्य स्थान” है या बनी रहेगी।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

केवल 25 मील लम्बी और चार से सात मील चौड़ी गाजा पट्टी 23 लाख लोगों का घर है, जिनमें से 70 प्रतिशत राज्य विहीन शरणार्थी और उनके वंशज आठ शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। 1948 में इजराइल राज्य बनने के चलते बाहर धकेल दिये गये कई लोग अब अपने पूर्व घरों से कुछ ही मील की दूरी पर पिंजरे जैसी जगह गाजा में बन्द हैं। 1967 में इजरायली कब्जा शुरू होने के बाद, 8,500 इजरायली निवासियों और सेना ने अपने एकमात्र उपयोग के लिए गाजा की 20 प्रतिशत भूमि पर कब्जा कर लिया था। लेकिन फिलिस्तिनियों के कड़े प्रतिरोध ने अन्तत: उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

2006 के फिलिस्तीनी विधायी चुनाव में हमास द्वारा अधिकांश सीटें जीतने के बाद, उसने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया। फिर इजराइल ने मिस्र की सहायता और अमरीका के समर्थन से गाजा पट्टी की नाकाबन्दी कर उसे दुनिया से काट दिया जो आज तक जारी है।

नाकाबन्दी ने गाजा की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है और एचआरडब्ल्यू ने गाजा पट्टी को “खुली हवा वाली जेल” के रूप में सन्दर्भित किया है। इसकी आबादी दीवारों और बाड़ों के भीतर फँसी हुई है और निरन्तर ड्रोन निगरानी के नीचे है, जबकि इजराइल भूमि और समुद्र के माध्यम से माल और लोगों की सभी आवाजाही पर कड़ा नियंत्रण रखता है और समय–समय पर घातक “मूविंग द ग्रास”’ रणनीति वाले सैन्य अभियानों में संलग्न होता है, लेकिन ऐसा करने का कोई प्रयास नहीं करता कि किसी राजनीतिक समाधान तक पहुँचा जा सके।

गाजा में पानी की कमी

गाजा में नवीकरणीय मीठे पानी का केवल एक स्रोत है–– उत्तरी इजराइल से मिस्र में उत्तरी सिनाई प्रायद्वीप तक फैला तटीय जलभृत। वेस्ट बैंक के नीचे के जलभृतों के साथ–साथ, कब्जा शुरू होने के बाद से तटीय जलभृत भी पूरी तरह से इजरायली नियंत्रण में है। 2013 के संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के अनुसार, तटीय जलभृत का 66 प्रतिशत पानी इजराइल निकालता है, जबकि गाजा पट्टी 23 प्रतिशत और मिस्र 11 प्रतिशत पानी निकालता है।

अब इजराइल से सैकड़ों–हजारों शरणार्थियों के गाजा पहुँचने से जलभृत पर भारी दबाव पड़ा, और दशकों के भीतर निवासी, जलभृतों के सालाना भरने की तुलना में अधिक पानी निकाल रहे थे। 1995–2011 की अवधि में, जल निकासी 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ गयी, जिससे जलभृत के स्तर में गिरावट आयी जिससे समुद्री जल को जलभृतों के अन्दर घुसने की आसानी हो गयी। इजराइल के गहरे कुएँ, गाजा से सटे बोरहोल और बाँधों ने गाजा में जल उपलब्धता को और अधिक प्रभावित किया है।

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी अगस्त 2012 की रिपोर्ट में कहा कि “गाजा की जल आपूर्ति में 60 प्रतिशत की वृद्धि के बिना 2020 तक जलभृत अपरिवर्तनीय रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं”। विश्व बैंक ने “2010–16 की अवधि में गाजा में चिन्ताजनक और बिगड़ती स्थिति” का हवाला दिया और पाया कि “2016 तक, गाजा में बेहतर पेयजल की पहुँच शून्य के करीब थी”।

2020 तक, गाजावासी अभी भी अपने पानी का 95 प्रतिशत से अधिक प्रदूषित जलभृत से प्राप्त कर रहे थे और इसकी टिकाऊ उपज का तीन गुना निकाल रहे थे, जबकि जर्जर बुनियादी ढाँचे के कारण एक तिहाई से अधिक पानी नष्ट हो जाता था। ज्यादा सीवेज और लवणता के स्तर के कारण उस भूजल का लगभग 97 प्रतिशत पीने के लिए अयोग्य था। गाजा की शेष आपूर्ति छोटे अनियमित अलवणीकरण संयंत्रों (2–6 प्रतिशत) द्वारा उत्पादित की जाती है और 2 प्रतिशत, फिलिस्तीनी जल प्राधिकरण द्वारा इजरायली राष्ट्रीय जल कम्पनी मेकोरोट से नकद राशि देकर खरीदी जाती है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण के लिए जुटाये गये कर से इजराइल भुगतान नहीं किये गये पानी के बिलों की राशि को काट लेता है।

(नक्शा–रिसर्च गेट से साभार)

2020 में प्रकाशित एक पर्यावरण मूल्यांकन विशेष रूप से निराशाजनक था। इसमें पाया गया कि तटीय जलभृत समुद्र तल से दस मीटर नीचे तक कम हो गये है जबकि केवल 55–60 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) जलभृत से सुरक्षित रूप से पानी निकाला जा सकता था, हर साल लगभग 160–200 एमसीएम निकाला जा रहा था। नगरपालिकाएँ केवल 80 प्रतिशत निवासियों की पानी की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम थीं और पाइप से पानी कई दिनों तक घरों तक पहुँचने में विफल रहीं।

साफ पानी की कमी समस्या का एक हिस्सा मात्र है। अक्सर प्रदूषित पानी वाले टैंकर को खरीदने की लागत कई गाजावासियों के लिए बहुत ही ज्यादा है, जिनमें से आधे लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं। 2021 तक, गाजा पट्टी की आधी आबादी बेरोजगार थी। वे जिस पानी की खपत करते हैं वह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रति व्यक्ति घरेलू जरूरतों के लिए निर्धारित 100 लीटर प्रतिदिन के मानक से काफी कम है।

विश्व जल दिवस (22 मार्च 2022) पर फिलिस्तीनी सांख्यिकी

ब्यूरो और फिलिस्तीनी जल प्राधिकरण द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, गाजा में घरेलू उपयोग के लिए पानी का दैनिक प्रति व्यक्ति आवण्टन 86–6 लीटर प्रति दिन है। हालाँकि, मानव उपयोग के लिए उपयुक्त पानी की मात्रा प्रतिदिन केवल 26–8 लीटर है। जबकि इजरायल में प्रति व्यक्ति स्वच्छ पानी की खपत 230 लीटर प्रति दिन है।

गाजा के पानी पर निशाना

सैन्य हमलों और र्इंधन की कमी के कारण खराब हुई अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली ने गाजा की जल समस्याओं को और बढ़ा दिया है। 2006 में, मिसाइलों ने गाजा के एकमात्र बिजली संयंत्र को नष्ट कर दिया। जब इजराइल ने अगले वर्ष गाजा पट्टी को बन्द कर दिया, तो इसका बुनियादी ढाँचा खतरनाक स्थिति में था। मार्च 2007 में, एक सीवेज जलाशय का तटबन्ध ढह गया, जिसमें पाँच लोग डूब गये।

2008–09, 2012, 2014, 2021 और अगस्त 2022 में इजराइल के सैन्य हमलों में पहले से ही नाजुक बुनियादी ढाँचे को नष्ट कर दिया गया है। 2008–09 में ऑपरेशन कास्ट लीड ने 11 कुओं और चार जलाशयों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया, साथ ही एक पम्पिंग स्टेशन, एक सीवेज उपचार संयंत्र, 19,920 मीटर पानी के पाइप, 2,445 मीटर सीवेज पाइप और अपशिष्ट जल उपचार के लिए महत्वपूर्ण बिजली नेटवर्क के हिस्से भी बर्वाद हो गये। 2014 में ऑपरेशन “प्रोटेक्टिव एज” ने कुओं, जलाशयों, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों, अलवणीकरण संयंत्रों और पंपिंग स्टेशनों को अधिक नुकसान पहुँचाया।

मई 2021 में 11 दिनों के दौरान, हवाई हमलों ने 13 पानी के कुओं, तीन अलवणीकरण संयंत्रों और 2,50,000 मीटर पानी के पाइपों को प्रभावित किया, जिसमें कथित तौर पर मेकोरोट कम्पनी से खरीदी गयी पानी ले जाने वाली मुख्य पाइपलाइन भी शामिल थी। अगस्त 2022 की शुरुआत में तीन दिनों के हमले के परिणामस्वरूप जल नेटवर्क के कुछ हिस्सों को कुछ नुकसान हुआ, और र्इंधन की कमी के कारण अस्थायी रूप से जल उत्पादन और वितरण में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी।

प्रत्येक सैन्य हमले के बाद, इजराइल की नाकाबन्दी ने पुनर्निर्माण प्रक्रिया में महीनों और यहाँ तक कि वर्षों की देरी की है, जिससे गाजावासियों को पीने योग्य पानी की कम आपूर्ति और सड़कों पर बहने वाले सीवेज के साथ रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है। सितम्बर 2014 में, इजराइल, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल की सुरक्षा चिन्ताओं को सम्बोधित करते हुए निर्माण सामग्री के प्रवेश की निगरानी के लिए एक अस्थायी “गाजा पुनर्निर्माण तंत्र” (जीआरएम) की स्थापना की।

जीआरएम नौकरशाही ने “दोहरे उपयोग” वाली वस्तुओं को भी प्रतिबन्धित किया, जिसका अर्थ है कि सीमेण्ट, लकड़ी, इलेक्ट्रोमैकेनिकल उपकरण और पाइप सहित हमास द्वारा सैन्य उपयोग में लायी जा सकने वाली कोई भी चीज। 2017 में, “दोहरे उपयोग” सूची में 8,500 आइटम थे। “दोहरे उपयोग” की सूची में नहीं आने वाली हजारों वस्तुओं को अभी भी विशेष अनुमोदन की आवश्यकता है, जिससे अर्थव्यवस्था में ठहराव आ गया है।

जनवरी 2022 तक, इजराइल ने गाजा के जल बुनियादी ढाँचे के मई 2021 के हवाई हमले में ध्वंस के मलबे की मरम्मत के लिए जरूरी सामान के प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी। कथित तौर पर तटीय जलभृत को और अधिक नुकसान गाजा पट्टी को घेरने वाली नयी 20 फुट ऊँची दीवार के कारण हुआ, जो सुरंग निर्माण को रोकने के लिए जमीन में गहराई तक प्रवेश करती है।

र्इंधन और बिजली की समस्या के साथ, यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित सौर पैनल अलवणीकरण संयंत्र को बिजली जरूरत का 12 प्रतिशत की आपूर्ति कर रहे हैं जो दक्षिणी गाजा पट्टी में 75,000 लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए 2017 में खोला गया था। उत्तरी गाजा समुद्री जल अलवणीकरण संयंत्र, जिसे मई 2021 में बन्द कर दिया गया, जिससे 2,50,00 लोग पानी से वंचित हो गये, इन पूँजी–गहन परियोजनाओं के सामने आने वाले जोखिमों को दर्शाता है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम

गाजा में एक चौथाई से अधिक बीमारियाँ पानी से सम्बन्धित हैं। कई रिपोर्टें बताती हैं कि अपशिष्ट जल प्रदूषण से पानी में नाइट्रेट की मात्रा डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों से छह गुना अधिक है, जिससे सायनोसिस बीमारी के मामलों में वृद्धि हुई है। तटीय जलभृत में समुद्री जल के प्रवेश से उच्च क्लोराइड सान्द्रता गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विशेष जोखिम में डालती है और दूषित पानी बाल मृत्यु का प्रमुख कारण है।

एक अध्ययन में पाया गया कि 59–2 प्रतिशत बच्चों में कम से कम एक परजीवी संक्रमण से ग्रसित था और इतना ही प्रतिशत एनीमिया से पीड़ित पाया गया। कैंसर और गुर्दे की बीमारियाँ तेजी से आम हो रही हैं, गुर्दे की विफलता से पीड़ित रोगियों में 13 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हो रही है। तीव्र हेपेटाइटिस ए, तीव्र दस्त और टाइफाइड बुखार जैसे संचारी रोगों का प्रकोप हुआ है। स्वच्छ पानी की कमी के कारण सैन्य हमलों में घायल मरीजों के इलाज के लिए एण्टीबायोटिक दवाओं के व्यापक उपयोग से उभरने वाले बहु–दवा–प्रतिरोधी जीवों द्वारा फैलने वाले संक्रमण को रोकना मुश्किल हो जाता है।

अन्य स्वास्थ्य प्रभाव बमबारी से जमा भारी धातुओं से सम्बन्धित हैं जो मिट्टी में रहते हैं क्योंकि नाकाबन्दी उन्हें हटाने से रोकती है, जहाँ वे भोजन और पानी की आपूर्ति के प्रदूषण में योगदान करते हैं। शोधकर्ताओं ने इन विषाक्त पदार्थों को समय से पहले और गम्भीर रूप से कम वजन वाले शिशुओं में जन्म दोषों में वृद्धि और छोटे बच्चों के विकास में कमी के साथ जोड़ा है।

सामूहिक दण्ड

रेड क्रॉस की अन्तरराष्ट्रीय समिति ने सामूहिक दण्ड के एक रूप में इजराइल द्वारा की गयी नाकाबन्दी की निन्दा की है जो अन्तरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है। हमास को उखाड़ फेंकने, आबादी को मजबूर करने और 15 साल पहले लागू किये गये बन्द को बनाये रखने के लिए इजराइल के जो भी तर्क हो, कोई भी सुरक्षा तर्क गाजा पट्टी के निवासियों को अच्छा जीवन की मूलभूत जरूरतों के अधिकार को रद्द नहीं कर सकता है।

इजराइल अब कथित तौर पर अपनी जरूरत से 20 प्रतिशत अधिक पानी का उत्पादन करता है। लेकिन वह पानी की कमी से जूझ रहे गाजा को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसे वेस्ट बैंक के जलभृतों तक पहुँचने से भी रोक दिया गया है। महत्वपूर्ण बाहरी दबाव के बिना, चीजें बदलने की सम्भावना नहीं है। फतह के साथ सम्बन्धों को सुधारने और इजराइल के साथ बातचीत का द्वार खोलने के प्रयास में, हमास ने इजराइल को दीर्घकालिक युद्धविराम की पेशकश करने के लिए 2017 में अपने चार्टर में संशोधन किया। लेकिन इजराइल ने संशोधित दस्तावेज को प्रकाशित होने से पहले ही खारिज कर दिया और पूरे गाजा को दुनिया से दूर एक “शत्रुतापूर्ण इकाई” के रूप में देखना पसन्द किया।

यदि गाजा पट्टी में इस संकट को टालना है, तो पश्चमी देशों और अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं को फिलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा में अपनी भागीदारी को तुरन्त समाप्त करना होगा और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर इजरायल पर नाकाबन्दी हटाने के लिए दबाव डालना होगा।

’“मूविंग द ग्रास” गाजा के खिलाफ इजराइल द्वारा लड़ा जानेवाला एक ऐसा युद्ध है जिसमें इजराइल मानता है कि इसका कोई राजनीतिक समाधान नहीं है और वह लगातार इसे जारी रखता है।

(अनुवाद एवं सम्पादन –– उपेन्द्र शंकर)

 

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