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सामाजिक-सांस्कृतिक

मुजफ्फरपुर में मासूम बच्चों की मौत

अन्त:करण और स्वास्थ्य के बुनियादी ढाँचे का आभाव भारत के गरीबों के लिए मौत का नुस्खा है। भारत ऐसी घटनाओं से भरपूर है जो पहले भी हुई हों लेकिन हर बार नयी लगती हैं और जितनी ही चीजें... आगे पढ़ें


सफाईकर्मियों की मौत : जिम्मेदार कौन?

–– 15 जून, गुजरात में वडोदरा के निकट एक गाँव में होटल के सीवर की सफाई के लिए मैन होल में उतरे 7 लोगों की जहरीली गैस से दम घुटने के कारण मौत हो गयी। मैन होल में... आगे पढ़ें


राजनीतिक अर्थशास्त्र

जेट एयरवेज तबाह क्यों हुई ?

17 अप्रैल 2019 को 26 साल पुरानी निजी विमानन कम्पनी जेट एयरवेज अस्थायी रूप से बन्द कर दी गयी, जिसके लगभग बीस हजार कर्मचारी बेरोजगार हो गये। इससे पहले ही आर्थिक रूप से जेट एयरवेज तबाही के कगार... आगे पढ़ें


निजीकरण, इतना लुभावना शब्द और इतना घातक!

पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या डेढ़ सौ पार पहुँची, कारण जागरूकता की कमी, सही चिकित्सा न मिलना, चिकित्सा सुविधाओं में कमी, गरीबी, कुपोषण आदि। जिस अस्पताल की दुर्व्यवस्था... आगे पढ़ें


विश्वव्यापी आर्थिक संकट का कोढ़ भारत में फूटने के कगार पर

बाढ़ की सम्भावनाएँ सामने हैं, और नदियों के किनारे घर बने हैं। चीड़–वन में आँधियों की बात मत कर, इन दरख्तों के बहुत नाजुक तने हैं। –– दुष्यंत कुमार भारत की अर्थव्यवस्था आज इतनी खोखली हो गयी है... आगे पढ़ें


संकट की गिरफ्त में भारतीय अर्थव्यवस्था

मई के अन्त तक सरकार को आखिरकार स्वीकार करना पड़ा कि जीडीपी पिछले 5 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गयी है। कॉर्पाेरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने भी कहा कि “देश का समूचा गैर–वित्तीय कम्पनी... आगे पढ़ें


साहित्य

निशरीन जाफरी हुसैन का श्वेता भट्ट को एक पत्र

2002 के गुजरात दंगे में मारे गये पूर्व सांसद एहसान जाफरी की बेटी निशरीन जाफरी हुसैन ने पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मौजूदा भारत और उसके लोगों की... आगे पढ़ें


फैज : अँधेरे के विरुद्ध उजाले की कविता

विद्रोह फैज का सहज स्वभाव है। उनकी जिन्दगी और शायरी इसका प्रमाण है। जब उन्होंने अंग्रेज लड़की एलिस से मुहब्बत और शादी की तो रूढ़िवादी विचारों के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ी। शायरी में भी फैज ने बने बनाये... आगे पढ़ें


बाँध भँगे दाओ

(हिन्दी के जाने–माने साहित्यकार रांगेय राघव 1943 में बंगाल के अकाल की रिपोर्टिंग और राहत कार्य के लिए अपने अन्य युवा साथियों के साथ वहाँ गये थे! प्रस्तुत है उस यात्रा के बारे में उनका उत्कृष्ठ रिपोर्ताज जो... आगे पढ़ें


श्रद्धांजलि

रंगमच की आखिरी रोशनी

एक बार कलकत्ता में एक नाटक देखते हुए मोहन राकेश और गिरीश कार्नाड खूब हँसते रहे। नाटक खत्म होने पर राकेश ने कार्नाड से कहा, “जानते हैं, हम क्यों इतना हंस रहे थे?  इसलिए कि हमें पता चल... आगे पढ़ें


व्यंग्य

नुसरत जहाँ : फिर तेरी कहानी याद आयी

नुसरत जहाँ आजकल खबरों में हैं। कभी माँग में सिंदूर सिर पर पल्लू के साथ खींचा भगवान जगन्नाथ का रथ तो कभी शपथ की शुरुआत ईश्वर के नाम पर और अन्त वंदेमातरम के साथ। नुसरत जहाँ बंगाली अभिनेत्री... आगे पढ़ें


साक्षात्कार

भारत के एक बड़े हिस्से में मर्दवादी विचार हावी

(एजाज अशरफ द्वारा आशीष नन्दी का साक्षात्कार) एजाज अशरफ : आप एक राजनीतिक मनोविश्लेषक हैं। इस लिहाज से 2019 के चुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत को आप कैसे समझते हैं? आशीष नन्दी : जिस तरह का काम... आगे पढ़ें


पर्यावरण

जलवायु संकट के लिए अमीर दोषी क्यों?

(स्वीडेन की ग्रेटा थनबर्ग अभी 16 साल की स्कूली छात्रा हैं। वह पर्यावरण की एक जुझारू कार्यकर्ता हैं। उन्होंने स्वीडेन की संसद के सामने पर्यावरण के लिए हड़ताल करके आन्दोलन की शुरुआत की थी। यह आन्दोलन अब तक... आगे पढ़ें


पर्यावरण का विनाश करने वाली वोक्सवैगन माफी के लायक नहीं

भारत ने पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने के लिए बदनाम वोक्सवैगन कम्पनी पर आर्थिक दण्ड के रूप में कानूनी कार्रवाई की थी और इस पर 500 करोड़ का जुर्माना लगाया था। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का हैरान... आगे पढ़ें


मीडिया

पत्रकारिता की दशा और दिशा

कुछ साल पहले एक बड़े पत्रकार साहब ने एक बार करीब चार सौ पेज की डिमाई आकार की अपनी एक किताब हमें सहर्ष भेंट की। हमने भी खुशी–खुशी स्वीकार कर ली। उसे घर लाए। कुछ दिनों में उसमें... आगे पढ़ें


अन्तरराष्ट्रीय

फिल्म समीक्षा

समाचार-विचार

अवर्गीकृत