संपादकीय
श्रम–कानूनों में भारी बदलाव : मजदूर हितों पर हमला
देश-विदेश के
फरवरी 2020 अंक में
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राजनीतिक अर्थशास्त्र
ग्रामीण गरीबों के लिए गढ़ा गया एक संकट
–– राजेन्द्रन नारायणन राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और एक सम्भावित राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी), जो एक मानवीय संकट का आगाज करेगा, ऐसे समय में आगे बढ़ाया जा रहा है जब ग्रामीण जनता भयावह संकट की गिरफ्त में... आगे पढ़ें
देश असमाधेय और ढाँचागत आर्थिक संकट के भँवर में
राजा मिदास ने भगवान से वरदान माँगा कि वह जिस चीज को छू ले, वह सोना बन जाये। उसे वरदान मिला, चारों ओर से सोने की बरसात होने लगी। कुछ दिन बाद मिदास अपने महल में मरा हुआ... आगे पढ़ें
बजट–2020 : नवउदारवाद और कींसवाद का घटिया मिक्स्चर
फिलहाल इस बात पर कोई विवाद नहीं कि भारतीय पूँजीवादी अर्थव्यवस्था गम्भीर संकट में है जिसके चलते आम मेहनतकश जनता का जीवन अत्यन्त कष्टपूर्ण होता जा रहा है। इस बजट से पहले बहस सिर्फ इस मुद्दे पर ही... आगे पढ़ें
भारत से दूर भागते विदेशी निवेशक
जनवरी में देश के बड़े पूँजीपतियों ने महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग की, जिसमें इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र में निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जाये। उन्होंने चिन्ता जतायी कि... आगे पढ़ें
सार्वजनिक कम्पनियों का विनिवेशीकरण या नीलामी
केन्द्र सरकार जिन 5 बड़ी कम्पनियों के हिस्से को बेचने की योजना बना रही है, उनमें बीपीसीएल, एससीआई, कॉनकोर, एनईईपीसीओ (नीपको) और टीएचडीसीआई शामिल हैं। इनमें से नीपको और टीएचडीसीआई की पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनायी है,... आगे पढ़ें
राजनीति
असम में एनआरसी का प्रबल विरोध
–– अनुराग मौर्य असम में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) का सर्मथन करनेवाले दो पत्रकार भाइयों ने लिखा कि हमें खुद नहीं पता था कि हम क्या करने जा रहे हैं। हमने शुरू में इसकी कठिनाइयों का अनुमान नहीं... आगे पढ़ें
नागरिकता संशोधन कानून और जनसंख्या रजिस्टर
पिछले साल दिसम्बर में गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को पूरे देश में लागू करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) भी संसद... आगे पढ़ें
वैश्विक विरोध प्रदर्शनों का साल
संघर्षों से भरा एक और साल गुजर गया। अगर सन 2019 को वैश्विक विरोध प्रदर्शन का साल कहें, तो अतिश्योक्ति न होगी। यह साल अल्जीरिया में सरकार विरोधी आन्दोलन से शुरू होकर दिसम्बर में भारत के ‘नागरिक संशोधन... आगे पढ़ें
साहित्य
अकबर इलाहाबादी : जो अक्ल को न बढ़ाये वो शायरी क्या है
(जन्म 16 नवम्बर 1846 – निधन 15 फरवरी 1921) इलाहाबाद का जिक्र हो और इलाहाबादी अमरूद और अकबर इलाहाबादी याद न आयें, यह सम्भव ही नहीं। इलाहाबाद, अमरूद और अपने बारे में कमाल की गर्वोक्ति की है अकबर... आगे पढ़ें
कहानी
जामुन का पेड़
–– कृश्न चन्दर (कृश्न चन्दर की प्रसिद्ध कहानी ‘जामुन का पेड़’ को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इसे हटाने वाली सरकारी संस्था काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईसीएसई) ने बिना कोई उचित... आगे पढ़ें
व्यंग्य
प्रधानमंत्री की छवि बनाना भी हमारा राष्ट्रीय और नागरिक कर्तव्य
आपको सरकार के नये आदेशों–अनुदेशों की जानकारी है या नहीं? नहीं है तो जान लीजिए क्योंकि यह आदेश कर्नाटक में लागू भी हो चुका है! आदेश यह है कि हमने–– आपने अब से प्रधानमंत्री की छवि बिगाड़ने की... आगे पढ़ें