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संपादकीय
कठुआ, उन्नाव बलात्कार : ये कहाँ आ गये?
अप्रैल के पूर्वार्द्ध में उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू के कठुआ में बलात्कार और हत्या की जो नृशंस घटनाएँ प्रकाश में आयीं, उसके बाद देशभर में गम और गुस्से की लहर दौड़ गयी। वैसे तो महिलाओं के ऊपर यौन हिंसा की बर्बर घटनाओं से हर रोज अखबार भरे होते हैं, हर 20 मिनट में देश के किसी न किसी हिस्से में बलात्कार की वारदात होती है और जिस दौरान इन दोनों घटनाओं को लेकर पूरे देश में लोग सड़कों पर उतर रहे थे, उसी बीच सासाराम, सूरत, दिल्ली, नोएडा, एटा और कई अन्य इलाकों से ऐसी ही दरिन्दगी की खबरें सामने आयीं। लेकिन कठुआ और उन्नाव का जघन्यतम अपराध इस मामले में तमाम दूसरी घटनाओं से अलग और विचलित करने वाला है कि ये मामले भाजपा शासित राज्यों में हुए और सत्ता से जुड़े लोगों ने अपराधियों को बचाने के लिए एडी–चोटी का जोर लगा दिया।
उन्नाव की घटना में लिप्त भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सैंगर को बचाने में पूरा शासन–प्रशासन लगा रहा। पीड़िता और उसके परिवार द्वारा बार–बार गुहार लगाये जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उसके खिलाफ केस दर्ज करने और उसकी गिरफ्तारी से यह कहते हुए साफ इनकार किया कि विधायक के खिलाफ... आगे पढ़ें