संपादकीय
सम्पादकीय की जगह : उस समय तुम कुछ नहीं कर सकोगे –– सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
देश-विदेश के
जून 2023 अंक में
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सामाजिक-सांस्कृतिक
घोस्ट विलेज : पहाड़ी क्षेत्रों में राज्यप्रेरित पलायन –– मनीषा मीनू
ना दौड़, ना दौड़ ते उंदार्यों का बाटा उंदार्यों का बाटा उत्तराखंड के प्रत्येक नौजवान, बड़े बुजुर्गाे ने नरेंद्र सिंह नेगी जी का ये गीत जरूर सुना होगा, जिसमें नीचे की तरफ जा रहे रास्तों में न दौड़ने... आगे पढ़ें
पहाड़ में नफरत की खेती –– अखर शेरविन्द
“साम्प्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती है। उसे अपने असली रूप में निकलते शायद लज्जा आती है, इसलिए वह ––– संस्कृति का खोल ओढ़कर आती है।” ––प्रेमचन्द (साम्प्रदायिकता और संस्कृति) जिस उत्तराखण्ड में देवताओं के जागरों में... आगे पढ़ें
राजनीति
106 वर्ष प्राचीन पटना संग्रहालय के प्रति बिहार सरकार का शत्रुवत व्यवहार –– पुष्पराज
बिहार की राजधानी पटना में 106 वर्ष प्राचीन पटना संग्रहालय को नष्ट कर एक हजार करोड़ से ज्यादा की लागत से एक नूतन संग्रहालय स्थापित किया गया है। इस नूतन संग्रहालय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना ड्रीम प्रोजेक्ट... आगे पढ़ें
कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार, साम्प्रदायिक राजनीति और विरोधी धारा
मई के महीने में कर्नाटक चुनाव सभी प्रमुख अखबारों और मीडिया संस्थानों की सुर्खियों में बना रहा। अखबारों के कुछ स्थानीय संस्करणों को छोड़ दिया जाये तो बाकी मीडिया मोदी और भाजपा का गुणगान और प्रचार करता नजर... आगे पढ़ें
मणिपुर हिंसा : हिन्दुत्व के प्रयोग का एक और दुष्परिणाम
पूर्वाेत्तर का बेहद खुबसूरत राज्य–– मणिपुर पिछले एक महीने से मैतेई और कुकी जातीय समूहों के बीच हिंसा की आग में जल रहा है। वहाँ से आ रही तस्वीरें यूक्रेन युद्ध और अफ्रीकी देशों में चल रहे गृह... आगे पढ़ें
साहित्य
इब्ने इंशा : ख़ामोश रहना फ़ितरत में नहीं
(एक हमीं हुशियार थे यारो एक हमीं बदनाम हुए) व्यंग्य का तीर वही तीरन्दाज़ चला सकता है, जो अपने तर्इं ईमानदार हो, जो ज़िन्दगी की आग में जलकर खरा सोना बना हो और जिसका हर तीर निशाने पर... आगे पढ़ें
व्यंग्य
अगला आधार पाठ्यपुस्तक पुनर्लेखन –– जी सम्पत
(आजकल सोशल मीडिया पर और खास तौर से व्हाट्सएप पर जिस तरह की मूर्खतापूर्ण, अन्धविश्वासी और अवैज्ञानिक बातों की बाढ़ आयी हुई है, उसे देखकर किसी भी समझदार इनसान को हँसी जरूर आयेगी, लेकिन यह बात हास्यास्पद से... आगे पढ़ें
राजा और नट
‘प्रारब्ध को मानते हो!’ ‘मैं कर्मयोगी हूँ, मैं नहीं मानता!’ राजा ने बहुत आत्मविश्वास से उत्तर दिया। तब ऋषि ने राजन को एक कथा सुनायी। एक राजा भेस बदल कर मंत्री संग अपने राज्य के दौरे पर निकला।... आगे पढ़ें
विचार-विमर्श
विकास की निरन्तरता में–– गुरबख्श सिंह मोंगा
स्टेट्समैन 24 अप्रैल 2023 के अंक में प्रकाशित लेख, ‘एन इंस्टीट्यूशन डाईज़’ (एक संस्था की मौत) से यह जानना स्तब्ध करने वाला तथा चिन्तित करने वाला है कि ‘विज्ञान प्रसार’ को इसी साल अगस्त तक बन्द करने का... आगे पढ़ें
विश्व चैम्पियनशिप में पदक विजेता महिला पहलवान विनेश फोगाट से बातचीत
“औरतें जब भी आवाज उठाती हैं, सत्ता का निशाना बन जाती हैं।” इस बातचीत में पहलवान विनेश फोगाट ने यौन उत्पीडन के आरोप को लेकर डब्लूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए साहस... आगे पढ़ें