8 जनवरी, 2025 (ब्लॉग पोस्ट)

रूस–यूक्रेन युद्ध अभी जारी है

रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर पहली बार हमला किया। इसके बाद से यह लड़ाई अनवरत जारी है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोपीय इलाके की ये सबसे बड़ी जंग है। लगभग 3 साल बाद 29 नवम्बर को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमरीकी न्यूज चैनल स्काई न्यूज को बताया कि वह रूस के साथ युद्ध रोकने के लिए तैयार है। इसके लिए रूस के कब्जे की जमीन भी छोड़ देंगे। इससे पहले अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी संकेत दिया था कि रूस को कीव के दावे की जमीन इस शर्त पर दी जा सकती है कि यूक्रेन को नाटो सदस्य बने रहने की छूट मिल जाये। वैसे तो युद्ध का समाप्त होना रूस–यूक्रेन के साथ–साथ पूरी दुनिया के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि इस युद्ध से इतना नुकसान हुआ है कि उससे कई नये देश बसाये जा सकते थे।

रूस ने थल सेना से 90,785, एयरफोर्स से 20,767 बार यूक्रेनी अड्डों पर हमला किया है। रूसी एयरफोर्स के हवाई और ड्रोन हमले की वजह से 10,025 यूक्रेनी नागरिक मारे गये। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के अनुसार इस युद्ध से हर दिन करीब 1500 जाने गयी हैं। 1 नवम्बर 2024 तक 6,96,410 सैनिकों की हानि हुई है। इस युद्ध में रूस–यूक्रेन के साथ–साथ अमरीका की सम्पत्ति को भी बड़ा नुकसान हुआ है जिसके आँकड़े चैंकाने वाले हैं।

यूक्रेन को होने वाला नुकसान

विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, रूस के हमले से यूक्रेन को सीधे तौर पर 152 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। यूनाइटेड नेशन का कहना है कि यूक्रेन को दोबारा खड़े होने में कई साल लग जायेँगे और इसके लिए करीब 486 अरब डॉलर (करीब 41 लाख करोड़ रुपये) की जरूरत होगी। जाहिर है कि यूक्रेन के लिए इस नुकसान की भरपाई कर पाना आसान नहीं होगा। यह चुनौती इसलिए भी और कठिन नजर आ रही है कि यहाँ महँगाई दर 10 फीसदी से भी ऊपर है और निर्यात शून्य से करीब 30 हजार करोड़ रुपये नीचे चल रहा है।

रूस को कितना हुआ नुकसान

अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेण्टागन ने जापानी एजेंसी के हवाले से बताया था कि यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को अपनी सेना तैनात करने, हथियारों और रसद आदि पर 211 अरब डॉलर (करीब 18 लाख करोड़ रुपये) खर्चा करना पड़ा है। इसके अलावा तेल की कीमतों में गिरावट से रूस को 100 अरब डॉलर (करीब 8.5 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। इसके अलावा अन्य सभी नुकसान को जोड़ लिया जाये तो कुल 1.3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 109 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान रूस को होने का अनुमान है।

अमरीका ने भी गँवाये लाखों करोड़ रुपये

ऐसा नहीं है कि रूस और यूक्रेन के युद्ध से इन दोनों देशों को ही नुकसान पहुँचा है, बल्कि अमरीका सहित अन्य यूरोपीय देशों को भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है। अमरीका ने यूक्रेन को 64 अरब डॉलर (करीब 5.40 लाख करोड़ रुपये) की सैन्य मदद दी है। इसके अलावा 70 अरब डॉलर (करीब 6 लाख करोड़ रुपये) 2014 के बाद शुरू हुए विवाद के बाद दिये हैं। इस तरह देखा जाये तो अमरीका को भी 11.40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान इस युद्ध की वजह से झेलना पड़ा है।

सिर्फ दो देशों की युद्ध की सनक ने करीब 174 लाख करोड़ रुपये की सम्पत्ति को 3 साल में ही बर्बाद कर दिया। यह इतनी बड़ी रकम है कि इससे दुनिया भर की मेहनतकश गरीब आवाम की दोजख से भी बदतर जिन्दगी को जन्नत में तब्दील किया जा सकता था। लेकिन जब तक दुनिया में लूट, खसोट, शोषण और मुनाफे पर आधारित पूँजीवादी–साम्राज्यवादी व्यवस्था कायम है तब तक मेहनतकश की खुशहाली सम्भव नहीं।

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