ब्लॉग: फिल्म समीक्षा

तथ्य सदैव अटल सत्य होते हैं:  “एक्सटर्मिनेट ऑल द ब्रूट्स” डाक्यूमेंट्री फिल्म की समीक्षा

तथ्य सदैव अटल सत्य होते हैं: “एक्सटर्मिनेट ऑल द ब्रूट्स” डाक्यूमेंट्री फिल्म की समीक्षा

उपनिवेशवाद, गुलामी और नरसंहार पर आधारित राउल पेक की चार भागों की जोरदार डाक्यूमेंट्री फ़िल्म उपनिवेशवाद के अपराधों को पूरी तरह उजागर करती है। “तुम पहले से बहुत कुछ जानते हो और इसलिए मैं भी जानता हूँ। हमारे पास जानकारी की कमी नहीं है बल्कि जितना हम जानते हैं उसको समझने और उससे निष्कर्ष तक पहुंचने के साहस की कमी है।" --“एक्सटर्मिनेट ऑल द ब्रूट्स”, 1996 में ग्राण्टा द्वारा प्रकाशित स्वेन लिंडक्विस्ट की किताब लिंडक्विस्ट की किताब और राउल पेक की इस फ़िल्म का शीर्षक, जोसेफ कॉनराड़ की किताब “हार्ट ऑफ डार्कनेस" से लिया गया है। अफ्रीका को कैसे सभ्य बनाया जाए, इस बारे में अलग-थलग पड़े श्वेत उपनिवेशवादी कुर्तज़ की अंतिम सलाह थी, “एक्सटर्मिनेट ऑल द ब्रूट्स" यानी सभी पशुओं का विनाश कर दो। पेक, लिंडक्विस्ट के दोस्त और सहकर्मी थे। उनकी इस फ़िल्म को एक अलग मीडिया संस्करण के रूप में देखने के बजाय लिंडक्विस्ट द्वारा किये गए.. आगे पढ़ें